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बुधवार, १४ ऑगस्ट, २०१३




सांतवना


आज आपको हमारी ज़रूरत है,
और हम आपके साथ नहीं,
साथ हम भी आपका देना चाहते है,
पर शायदक़िस्मत हमारे साथ नहीं।

सुख दु:ख का चक्र घुमता रहता है,
दु:खों से कोई वंचित नहीं,
जो धरती पे आए उन्हे जाना ही होता है,
इस संसार में कोई अमर नहीं।

अब सब कुछ संभालना आपको है, 
दु:खों के बादलों से डरना नहीं,
दु:ख में आपके हम भी शािमल है,
तो क्या हुआ, अगर हम आपके पास नहीं।