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गुरुवार, ७ नोव्हेंबर, २०१३

अनोखा  रिश्ता 


हम उनसे ख़फ़ा तो नहीं,
पर उनके साथ भी तो नहीं।
हम उनसे दूर तो नहीं,
पर उनके पास भी तो नहीं।

हमारे लिए वो पराए तो नहीं,
पर वो हमारे अपने भी तो नहीं।
हमारी मंज़िलें अलग तो नहीं,
पर हमारे रास्ते भी तो एक नहीं।


उनके बिना झिंदगी रुकी तो नहीं,
पर उनके बिना दिल खुश भी तो नहीं।
उनके बिना आँखें रोती तो नहीं,
पर उनके बिना होंठ मुस्कुराते भी तो नहीं।


यादों में उन्हें बसाया तो नहीं,
पर दिल ने उन्हे भुलाया भी तो नहीं।
समाज के डर से उन्हें अपनाया तो नहीं,
पर दिल से उन्हें निकाला भी तो नहीं।

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